मेरे प्यारे भारतवासियों,
प्रणाम.'बेबी मामा'(श्री मिथिलेश कुमार तिवारी) हमारे सभी मामों में प्यारे थे ,हैं और रहेंगे /क्यूं?इसलिए की बचपन में मैं जब भी रोया करता था तो बेबी मामा गाते थे 'किशोर कुमार जी ' के गाये यह गीत -'रोना कभी नहीं रोना,चाहे टूट जाए कोई खिलोना,खिलोना रोना/रोना कभी नहीं रोना ,चाहे टूट जाए सपना सलोना,सलोना रोना/अब तो बेबी मामा नहीं रहे,नाहीं किशोर कुमार रहे/
अब मैं उन्हें कैसे देखूं?कोन सुनाएगा मुझे अब यह गीत?मेरा खिलोना तो टूट गया,अब मैं किससे खेलूंगा?मेरा सपना सलोना तो टूट गया,अब कहाँ से नए सपने बीनूं?
'बेबी मामा' बहोत ही अच्छे स्वभाव के व्यक्ति थे ,सरल,मृदूभाशी,अच्छे नियत वाले/मुझे बहोत ही चाहते थे /
अच्छे लोग कहाँ जीते हएं ज्यादा दिनों तक?भगवान को प्यारे हो जाते हैं/
मैं 'बेबी मामा' को अमर करदूंगा,ठीक उसी तरह जिस तरह से मैने 'किशोर कुमार जी' तथा 'प्रिंसेस डऐना जी' को अमर बनाने का सोगंध खाया था/
बेबी मामा को समर्पित चंद उन्ही के गीत--
'रोना ,सदा तुम रोना ,जब टूट जाए कोई खिलोना ,खिलोना मामा/खुलकर रोना ,जब टूट जाए सपना सलोना,सलोना मामा/
आपका अपना,
रिंकू आदर्श