मेरे प्यारे भारत वासियों,
प्रणाम.आज हम बिलकूल ही पश्चिम देशों पे आश्रित हो गए हैं अपने विकास के लिए.यह कितना सही हए?आज आप हर एक चीज़ विदेशी खरीदते हैं और गौरान्वित महसूस करते हैं.कभी सोचा हए की हम किस हद तक विदेशी तकनीक के गुलाम होते जा रहे हैं/इसका सीधा असर हमारे भारतीय संगीत पर पड़ा हए/
संगीत भारतीय और तकनीक विदेशी/संगीत अपनी ताकत को दिनप्रतिदिन खोता ही जा रहा हए/
संगीत अपनी असर नहीं छोड़ रहा हए/लोगोँ को चिरचिरा बना रहा हए/क्यूं न हम भारतीय संगीत में स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल करें और संगीत को सही तरीके से परोसें/आइये हम मिलकर स्वदेशी बन जाएँ/
आपका अपना,
रिंकू आदर्श
Friday, 6 April 2012
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